Tuesday, June 8, 2021

Jiwan-Mantra ||Short videos Series || Part-20 || Kabir Das || PoemNagari

अब तक जो समय गुजारा है वो व्यर्थ गया, ना कभी सज्जनों की संगति की और ना ही कोई अच्छा काम किया। प्रेम और भक्ति के बिना इंसान पशु के समान है और भक्ति करने वाले इंसान के ह्रदय में भगवान का वास होता है।

ते दिन गए अकारथ ही, संगत भई न संग ।
प्रेम बिना पशु जीवन, भक्ति बिना भगवंत ।

The time that I have spent till now was in vain, never in the company of gentlemen nor did any good work. Without love and devotion, man is like an animal and God resides in the heart of the person who does devotion.


te din gae akaarath hee, sangat bhee na sang .
prem bina pashu jeevan, bhakti bina bhagavant .

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