Thursday, July 23, 2020

#Poem Nagari #Hindi Poetry # "Meharbani" by Kishor

# मेहरबानी
गुलाब के पंखुड़ियों से भी नाजुक ,
  दे दिया तन उसको ,
 नयन सुन्दर मृग - नयनी ,
 दे दिया नयन उसको ,
 सुमन मन के खिला दे ,
 मुरझी उपवन सजा दे ,
 खुशियों के समुन्द्र का 
 दे दिया लहर उसको 
जीवन में रस भर दे गजब की , 
आँखों में मस्ती हैं अजब सी 
 होठों पे लाली हैं भोर के किरण की , 
चालों में मस्ती हैं नागिन सी ,
अदाँए अजब मस्त है गजब ,
 जीवन सोमरस , 
लगन लगी मेरी तुझसे लगन,
जैसे मन का मोर नाचे , 
उमड़ता देख बादल के ,
बरस जा झुम के मुझपे ,
 भिंगो तन को मेरे ,
रस रसिया हो जाए तन मेरा , 
अगन बुझ जाए लगन से ।

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