# मेहरबानी
गुलाब के पंखुड़ियों से भी नाजुक ,
दे दिया तन उसको ,
नयन सुन्दर मृग - नयनी ,
दे दिया नयन उसको ,
सुमन मन के खिला दे ,
मुरझी उपवन सजा दे ,
खुशियों के समुन्द्र का
दे दिया लहर उसको
जीवन में रस भर दे गजब की ,
आँखों में मस्ती हैं अजब सी
होठों पे लाली हैं भोर के किरण की ,
चालों में मस्ती हैं नागिन सी ,
अदाँए अजब मस्त है गजब ,
जीवन सोमरस ,
लगन लगी मेरी तुझसे लगन,
जैसे मन का मोर नाचे ,
उमड़ता देख बादल के ,
बरस जा झुम के मुझपे ,
भिंगो तन को मेरे ,
रस रसिया हो जाए तन मेरा ,
अगन बुझ जाए लगन से ।
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