यह कविता निराशा में डूबे लोगो में एक उम्मीद की नई शक्ति की संचार करती है , हताशा इंसान को अंदर ही अंदर खोखला बना देता है ,हमे चाहिए कि जीवन की हर स्थिती में खुद को मजबूती के साथ आजमाते रहे ,वास्तव में जीवन साहस और उम्मीद का ही दूसरा नाम है , जीवन के राह में हरेक कठिनाइयों को हंसते - हंसते झेला जा सकता है , अगर हिम्मत और सहसरूपी अनूठा गुण पास हो ,यह कविता शैलेंद्र द्वारा लिखी है और जब भी में उदास होता हूं तो यह मुझे उम्मीद देती है ,आशा है आप सबको भी इससे हिम्मत मिलेगी इस कोरोना संकट के दौर में हम सबको इस रचना को सुननी चाहिए , PoemNagari की तरफ़ से आप सभी के खुशहाली की बहुत बहुत शुभकामनाएं.....
ज़िन्दा है तू ज़िन्दगी की जीत में यकीन कर
शैलेन्द्र
तू ज़िन्दा है तो ज़िन्दगी की जीत में यकीन कर,
अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला ज़मीन पर!
सुबह और शाम के रंगे हुए गगन को चूमकर,
तू सुन ज़मीन गा रही है कब से झूम-झूमकर,
तू आ मेरा सिंगार कर, तू आ मुझे हसीन कर!
ये ग़म के और चार दिन, सितम के और चार दिन,
ये दिन भी जाएंगे गुज़र, गुज़र गए हज़ार दिन,
कभी तो होगी इस चमन पर भी बहार की नज़र!
अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला ज़मीन पर!.... तू ज़िन्दा है
हमारे कारवां का मंज़िलों को इन्तज़ार है,
यह आंधियों, ये बिजलियों की, पीठ पर सवार है,
जिधर पड़ेंगे ये क़दम बनेगी एक नई डगर
अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला ज़मीन पर!.... तू ज़िन्दा है
हज़ार भेष धर के आई मौत तेरे द्वार पर
मगर तुझे न छल सकी चली गई वो हार कर
नई सुबह के संग सदा तुझे मिली नई उमर
अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला ज़मीन पर!.... तू ज़िन्दा है
ज़मीं के पेट में पली अगन, पले हैं ज़लज़ले,
टिके न टिक सकेंगे भूख रोग के स्वराज ये,
मुसीबतों के सर कुचल, बढ़ेंगे एक साथ हम,
अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला ज़मीन पर!.... तू ज़िन्दा है
बुरी है आग पेट की, बुरे हैं दिल के दाग़ ये,
न दब सकेंगे, एक दिन बनेंगे इन्क़लाब ये,
गिरेंगे जुल्म के महल, बनेंगे फिर नवीन घर!
अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला ज़मीन पर!.... तू ज़िन्दा है
शैलेंद्र (30 अगस्त 1923 - 14 दिसंबर 1966) एक लोकप्रिय भारतीय हिंदी-उर्दू गीतकार थे। फिल्म निर्माता राज कपूर, गायक मुकेश, और संगीतकार शंकर-जयकिशन के साथ अपने जुड़ाव के लिए, उन्होंने कई सफल हिंदी फ़िल्मी गीतों के लिए गीत लिखे। 1950 और 1960 का दशक।
शैलेन्द्र के पुत्र शैले शैलेन्द्र भी गीतकार बने। 17 साल की उम्र में, राज कपूर ने उन्हें अपने पिता के गीत जीना यहा, फिल्म मेरा नाम जोकर के लिए 'जीना यहां मारना यहां' गीत को पूरा करने के लिए कहा। Shaily Shailendra ने गीत का "mukhra" पूरा किया जबकि शैलेंद्र ने "antara" को उनके निधन से पहले ही पूरा कर लिया। गीतकार, लेखक और निर्देशक गुलज़ार ने कई मौकों पर कहा है कि शैलेंद्र हिंदी फ़िल्म उद्योग द्वारा निर्मित सर्वश्रेष्ठ गीतकार थे।
शैलेंद्र के गीत मेरा जूता है जापानी को 2016 की अंग्रेजी भाषा की फिल्म ' Deadpool 'में दिखाया गया था।
शैलेंद्र के लिखे कुछ लोकप्रिय गीतों में शामिल हैं:
"सुहाना सफर और ये" - "मधुमती"
"चलत मुसाफिर मोह लिया रे" - "तिसरी कसम"
"ये मेरा दीवानापन है" - "यहुदी"
"दिल का हाल सुने दिलवाला" - "श्री 420"
"तू प्यार का सागर है" - "सीमा"
"ये रात भीगी भीगी" - "चोरी चोरी"
"पान खाए सईया हमारो" - "तीसरी कसम"
"ओ सजना, बरखा बहार आई" - "परख (1960 फिल्म)"
"आजा ऐ बहार" - "राजकुमार"
"रुक जा रात, थार जा रे चंदा" - "दिल एक मंदिर"
"याद ना जाए बीते दिनों की" - "दिल एक मंदिर"
"चढ गयो पापी बिछुआ" - "मधुमती"
"आवारा हूं" - आवारा
"रमैया वस्तावैया" - श्री 420
"मुड मुड के ना देख" - श्री ४२०
"मेरा जूट है जापानी" - श्री 420
"आज फिर जीने की" - गाइड
"गाता रहे मेरा दिल" - गाइड
"पिया तोसे नैना लागे रे" - गाइड
"क्या से क्या हो गया" - गाइड
"दिन ढल जाए है" - गाइड
"हर दिल जो प्यार करेगा" - संगम
"दोस्त दो ना राह" - संगम
"सब कुछ सीखा" - अनारी
"किसी की मुस्कराहटो पे" - अनारी
"दिल की नज़र से" - अनाड़ी
"खोया खोया चाँद" - काला बाजार
"प्यार हुआ इकरार हुआ" - श्री 420
"अजीब दास्तान है ये" - दिल अपना और प्रीत पराई
"झूमती चली हवा" - संगीत सम्राट तानसेन
"जीना यार मारना येहन" - मेरा नाम जोकर
"नाचे मन मोरा मगन" - "मेरी सूरत तेरी अँखें"
"सजन रे झूले मत बोलो" - "तीसरी कसम"
"रात के हमसफ़र, थके के घर को चले" - "पेरिस में एक शाम"
"तू ज़िन्दा है ज़िन्दगी के लिए जीत याकेन कर"
अद्भुत है इनकी रचनाएं !
Visit here -
https://youtu.be/HP_Sis4Nrto
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