Wednesday, June 9, 2021

Jiwan-Mantra || Short videos Series || Part -25 ||Kabir Das || PoemNagari

एक सज्जन पुरुष में सूप जैसा गुण होना चाहिए। जैसे सूप में अनाज के दानों को अलग कर दिया जाता है वैसे ही सज्जन पुरुष को अनावश्यक चीज़ों को छोड़कर केवल अच्छी बातें ही ग्रहण करनी चाहिए।

साधु ऐसा चाहिए जैसा सूप सुभाय।
सार-सार को गहि रहै थोथा देई उडाय।

A gentleman should have soup-like qualities. Just as grains of grain are separated in a soup, so a gentleman should leave behind unnecessary things and take only good things.

saadhu aisa chaahie jaisa soop subhaay.
saar-saar ko gahi rahai thotha deee udaay.

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