कड़वे बोली बोलना सबसे बुरा काम है, कड़वे बोल से किसी बात का समाधान नहीं होता। वहीँ सज्जन के विचार और बोली अमृत के समान हैं।
कुटिल वचन सबसे बुरा, जा से होत न चार ।
साधू वचन जल रूप है, बरसे अमृत धार ।
Speaking bitter words is the worst thing, bitter words do not solve anything. Whereas the thoughts and speech of the gentleman are like nectar.
kutil vachan sabase bura, ja se hot na chaar .
saadhoo vachan jal roop hai, barase amrt dhaar
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