जब सारी दुनिया अपने ही घर में कैद है और यह भी पता नहीं है कि कब बाहर सब कुछ ठीक होगा उस समय सबसे ज्यादा उम्मीद की जरूरत होती है एक विश्वास की , और एक ऐसे एहसास की जरूरत होती है जो हिम्मत को टूटने ना दें धैर्य को मजबूती के साथ कायम रखें और उसी वक्त में अपनों के सहयोग और प्यार की भी सबसे ज्यादा जरूरत होती है , कोई भी निराशा में जाने ना पाए यह भी हमारा नैतिक जिम्मेवारी बन जाता है। विश्वास है कि आप अपना और अपनों का बहुत-बहुत ख्याल रख रहे होंगे,
इस वक्त में
उम्मीद जरूरी है ,
बिखरते सांसो की
थाम ले कोई डोर
जरूरी है,
इस वक्त में
उम्मीद जरूरी है ,
मौत के भयावह डर से
मर रहे लोग हलचल से,
होले से कंधे पे
सहसा एक हाथ जरूरी है ,
इस वक्त में
उम्मीद जरूरी है ,
मिले प्यार की झप्पी,
ऐसा एहसास जरूरी है,
इस वक्त में
उम्मीद जरूरी है
दुनिया के अधिकांश लोग इस दौर में आर्थिक और मानसिक रूप से पहले से बहुत ज्यादा कमजोर हो गए होंगे और उनको हमारी जरूरत हैं।
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