Friday, June 18, 2021

To Milna Mujhe||Spokenwords||HindiPoetry||Kishor||PoemNagari||InspiringWords||Storytelling||Awekenwords

घोर अंधेरे की 
खामोशी में भी , 

सिर्फ मेरे होने के 
एहसास पाकर , 
गुनगुना सको 
तो मिलना मुझे ...
 
मिलने की उम्मीद से
 चहचहा उठो 

तो मिलना मुझे ...
मुझे मालूम है

इस वक्त तुम मजबूत हो,
कुछ मजबूरियां बेशक रही होंगी

मगर उन्हें दरकिनार कर

इस तरफ कदम बढ़ा सको,

तो मिलना मुझे,

मिलने की उम्मीद से
 चहचहा उठो 
तो मिलना मुझे ...

मोहब्बत में घरौंदे टूटकर बिखरे अनेकों,
पर इन्हें सम्भाल कर 

बसा सको,
तो मिलना मुझे,

घोर अंधेरे की 
खामोशी में भी , 

सिर्फ मेरे होने के 
एहसास पाकर , 

गुनगुना सको 
तो मिलना मुझे ...

इस बेढंगी दुनिया की अजब है दस्तूरे

मोहब्बत जुर्म है,
जीन्दगी है सस्ती,

फिर भी ,
गर खुद को आजमा सको ,

तो मिलना मुझे,

मिलने की उम्मीद से
 चहचहा उठो 
तो मिलना मुझे ...

मैं सिर्फ
 तुम्हारा महबूब ही नहीं,
 तुम्हारे सपने, उम्मीद 
और मंजील भी हुं ।

अगर पूरे जान से इस जान से 
मिलने की हिम्मत जुटा सको,
तो मिलना मुझे ....
मिलने की उम्मीद से
 चहचहा उठो 
तो मिलना मुझे ...

हजारों की उम्मीदें हैं इधर ही 
मगर ठहरा अकेला मैं भी
ना लौटना किसी हाल में इसके बिना,

ऐसी हठ दिखा सको ,
तो मिलना मुझे,

घोर अंधेरे की 
खामोशी में भी , 
सिर्फ मेरे होने के 
एहसास पाकर , 
गुनगुना सको 
तो मिलना मुझे ...
 
मिलने की उम्मीद से
 चहचहा उठो 
तो मिलना मुझे ...



No comments:

Post a Comment

जो जीवन ना बन सका ! || That Could Not Be Life ! || PoemNagari || Hindi Kavita

कविता का शीर्षक - जो जीवन ना बन सका ! Title Of Poem - That Could Not Be Life ! खोखले शब्द  जो जीवन ना बन सके बस छाया या  उस जैसा कुछ बनके  ख...