Poetry No.01
Season -02
#तुमचलेआना ।
Hello दोस्तों,
ये ख़त पाकर इसी ख़त के बहाने तुम चले आना
मोहब्बत को हमारी आज़माने तुम चले आना।
खत का नाम सुनते ही उससे जुड़ी खट्टी मीठी यादें ताजा होने लगती है आज के Whatsapp के Time में हमसभी Real समय में Message कर सकते हैं बातें कर सकते हैं और Face to face मुखातिब भी हुआ जा सकता अगर आप चाहें .... बिना किसी देरी के घंटों लगातार...
इन सारी सहुलियतो के मध्यनज़र कुछ मित्रों के जीवन-यापन की सबसे बड़ी समस्या ये हो गई कि अगर दो-चार सेकेंड के लिए Internet Slow हो जाए तो भकुआ जाते हैं और खिसिया-खिसिया कर हाथ-पैर इधर मारने लगते हैं। उन मित्रों के लिए moral of the story यह है कि Don't Be गुलाम of Technology , इसका सदुपयोग करिए और आगे बढिए ।
तो फिर से वापस कविता पर लौटते हैं।
ये ख़त पाकर इसी ख़त के बहाने तुम चले आना
मोहब्बत को हमारी आज़माने तुम चले आना।
तुम्हें वादा अगर हो याद अपना तो ये ख़त पढ़कर
इजाज़त है कि वादे को निभाने तुम चले आना।
जगाया चूमकर पलकें हमें जिस दिन, हुआ था तय
कभी मैं रूठ जाऊं तो मनाने तुम चले आना।
पहुंचने से तेरे पहले, अगर ये दम निकल जाये
मैं 'लावारिस' नहीं हूँ, ये बताने तुम चले आना।
दरअसल ये कविता कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास' जी द्वारा लिखित है ।
इन पंक्तियों से DevDas वाली Feeling आ रही है,आपने ये Movie देखी है,
खैर आगे बढ़ते हैं ।
कोई आये न आये तुम से ये मेरी गुज़ारिश है
दिया इक कब्र पर मेरी जलाने तुम चले आना।
तुम्हारी याद में जब हम कभी बैचैन हो जाएं
ग़ज़ल कोई हमारी गुनगुनाने तुम चले आना।
हमेशा जीतते 'विश्वास' आये शर्त अब तक तुम
चलो इक बार मुझको फिर हराने तुम चले आना।
हमारे Life में ऐसे वक्त भी चले आते जब body में कुछ ऐसे chemicalलोचा Release होते है,की बावरा मन भटकता चला जाता है।
That Is Not Good For Health.
जिंदगी गर रंग ना बदले तो एक जगह ठहर जाती है।
ठहराव मौत , चलना जीवन
And Choice Is Yours.
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