Thursday, December 3, 2020

Vo Log Bahut Khushkismat The | HindiPoetry |Faiz Ahmad Faiz |PoemNagari

प्रस्तुत कविता फैज़ अहमद फैज़ द्वारा लिखित है ।
   

वो लोग बहुत खुश-किस्मत थे


जो इश्क़ को काम समझते थे


या काम से आशिकी करते थे

हम जीते जी मसरूफ रहे


कुछ इश्क़ किया, कुछ काम किया


काम इश्क के आड़े आता रहा


और इश्क से काम उलझता रहा


फिर आखिर तंग आ कर हमने


दोनों को अधूरा छोड दिया ।

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