Thursday, June 10, 2021

Jiwan-Mantra ||Short videos Series ||Part-30 || Kabir Das ||PoemNagari

 वे लोग अंधे और मूर्ख हैं जो गुरु की महिमा को नहीं समझ पाते। अगर ईश्वर आपसे रूठ गया तो गुरु का सहारा है लेकिन अगर गुरु आपसे रूठ गये तो दुनियां में कहीं आपका सहारा नहीं है।

कबीरा ते नर अँध है, गुरु को कहते और ।
हरि रूठे गुरु ठौर है, गुरु रूठे नहीं ठौर ।

Those people are blind and foolish who do not understand the glory of the Guru. If God gets angry with you then there is the support of the Guru, but if the Guru gets angry with you then there is no support for you anywhere in the world.

kabeera te nar andh hai, guru ko kahate aur .
hari roothe guru thaur hai, guru roothe nahin thaur .

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