Thursday, June 10, 2021

Jiwan-Mantra ||Short Videos Series || Part-29 ||Kabir Das|| PoemNagari

जो इंसान दूसरे की पीड़ा और दुःख को समझता है वही सज्जन पुरुष है और जो दूसरे की पीड़ा ही ना समझ सके ऐसे इंसान होने से क्या फायदा।

कबीरा सोई पीर है, जो जाने पर पीर ।
जो पर पीर न जानही, सो का पीर में पीर ।

The person who understands the pain and sorrow of others is a gentleman and what is the use of being such a person who cannot understand the pain of others.

kabeera soee peer hai, jo jaane par peer .
jo par peer na jaanahee, so ka peer mein peer .

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