आप कितना भी नहा धो लीजिए, लेकिन अगर मन साफ़ नहीं हुआ तो वैसे नहाने का क्या फायदा, जैसे मछली हमेशा पानी में ही रहती है लेकिन फिर भी उससे बदबू आती ही है।
नहाये धोये क्या हुआ, जो मन मैल न जाए ।
मीन सदा जल में रहे, धोये बास न जाए ।
No matter how much you take a bath, but if the mind is not clear, then what is the use of bathing like a fish always stays in water but still it smells.
nahaaye dhoye kya hua, jo man mail na jae .
meen sada jal mein rahe, dhoye baas na jae .
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