Monday, June 7, 2021

Jiwan-Mantra || Short videos Series ||Part -03 || Kabir Das || PoemNagari

अगर मैं इस पूरी धरती के बराबर बड़ा कागज बनाऊं और दुनियां के सभी वृक्षों की कलम बना लूँ और सातों समुद्रों के बराबर स्याही बना लूँ तो भी गुरु के गुणों को लिखना संभव नहीं l

सब धरती काजग करू, लेखनी सब वनराज ।
सात समुद्र की मसि करूँ, गुरु गुण लिखा न जाए ।

It is not possible to write down the qualities of a Guru even if I make a paper as big as the whole earth, and make pens for all the trees of the world and ink as much as the seven oceans.

sab dharatee kaajag karoo, lekhanee sab vanaraaj .
saat samudr kee masi karoon, guru gun likha na jae .

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