Wednesday, June 16, 2021

Jiwan-Mantra||Short Videos Series||Part-41||Kabir Das || PoemNagari || कबीर दोहे

सज्जन पुरुष किसी भी परिस्थिति में अपनी सज्जनता नहीं छोड़ते ,चाहे कितने भी दुष्ट पुरुषों से क्यों ना घिरे हों। ठीक वैसे ही जैसे चन्दन के वृक्ष से हजारों सर्प लिपटे रहते हैं लेकिन वह कभी अपनी शीतलता नहीं छोड़ता।

संत ना छाडै संतई, जो कोटिक मिले असंत ।
चन्दन भुवंगा बैठिया, तऊ सीतलता न तजंत ।

Gentle men do not give up their gentleness under any circumstances, no matter how many wicked men they are surrounded by. Just like thousands of snakes are wrapped around the sandalwood tree, but it never gives up its coolness.

sant na chhaadai santee, jo kotik mile asant .
chandan bhuvanga baithiya, taoo seetalata na tajant .

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