Thursday, June 17, 2021

Jiwan-Mantra||Short Videos Series||Part-45||Kabir Das || PoemNagari || कबीर दोहे

कामी, क्रोधी और लालची, ऐसे व्यक्तियों से भक्ति नहीं हो पाती। भक्ति तो कोई सूरमा ही कर पाता है जो अपनी जाति, कुल, अहंकार सबका त्याग कर देता है।

कामी क्रोधी लालची, इनसे भक्ति न होय ।
भक्ति करे कोई सुरमा, जाती बरन कुल खोए ।

Lovely, angry and greedy, such persons do not get devotion. Only a surma can do devotion, who renounces his caste, clan, ego.


kaamee krodhee laalachee, inase bhakti na hoy .
bhakti kare koee surama, jaatee baran kul khoe .

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